बड़े बनने के साथ साथ छोटे बने रहने का गुण कभी नहीं खोना चाहिए : डॉ विवेक तागड़ी
डॉ विवेक तांगड़ी


लखनऊ : डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान में  श्री हनुमान जन्मोत्सव के पूर्व सप्ताह से पहले श्री हनुमान जी के चरित्र पर आधारित व्याख्यान एवं भजन कार्यक्रम “कपीश्वर- श्री हनुमान एक जीवन शैली” का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन आध्यात्मिक चिंतक एवं प्राचीन लेटे हुए हनुमान जी मंदिर, लखनऊ के मुख्य सेवादार डॉ विवेक तांगड़ी ने किया.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं आध्यात्मिक चिंतक डॉ विवेक तांगड़ी द्वारा बहुत हो सरल ढंग से श्री हनुमान जी के चरित्र की व्याख्या की गई एवं वर्तमान में अपने जीवन में  हम कैसे हनुमान जी के गुणों को आत्मसात कर सफलता पा सकते हैं इस पर प्रकाश डाला गया.  

उन्होंने कहा की हम सब बड़ा बनना तो जानते हैं लेकिन बड़े बनने के साथ साथ छोटे बने रहने का गुण भी नहीं खोना चाहिए. श्री हनुमान जी द्वारा अपनी लंका यात्रा में उन्होंने दोनों स्वरूप दर्शाए थे, मां सीता की दुविधा के हरण के लिए विशालकाय रूप धारण किया था और वही अपने कार्य सिद्धि के लिए लंका में प्रवेश के समय मच्छर के समान रूप बनाया था.
 
इस कार्यक्रम के माध्यम से  ये प्रयास है की हम सब लोग श्री हनुमान जी महाराज के व्यक्तित्व की प्रासंगिकता को समझें और हनुमान जी को देवता के साथ साथ एक आदर्श चरित्र मानते  हुए उनके द्वारा किये गए कार्यों से शिक्षा लें एवं समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त कर समस्याओं का निदान प्राप्त करें.

डॉ तांगड़ी द्वारा श्री हनुमान जी के चरित्र के ऊपर  लगातार विभिन्न कार्यक्रम किये जाते रहे हैं | कार्यक्रम में मुख्य रूप से क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अनिल सिंह ,पूर्व आईजी आरकेएस राठौर, समाजसेवी सुशील दुबे, लेटे हुए हनुमान जी मंदिर ट्रस्ट के सचिव पंकज सिंह भदौरिया, अल्केश सोती, प्रमित सिंह ,रिद्धि किशोर गौड़ ,आशीष अग्रवाल, अजय मेहरोत्रा ,राजेश आनंद ,मोहित शर्मा जगदीश श्रीवास्तव ,प्रदीप पटेल ,अखिलेश कुमार सैकड़ों हनुमत भक्त एवं समाज के प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे.


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