नव अंशिका श्रमदेवी शक्ति सम्मान से हुआ महिला माह का शंखनाद
सभी सम्मानित होने वाली श्रमदेवी शक्तियों को साड़ियां भी भेंट की गईं।


लखनऊ : “द ग्रेट शक्तिस्वरूपा उत्सव” के अंतर्गत नव अंशिका फाउंडेशन की ओर से नव अंशिका महिला माह की शुरुआत शुक्रवार 1 मार्च से हुई। इस अवसर पर घरों में काम करने वाली श्रमजीवी महिलाओं को गोमती नगर विकल्प खंड स्थित रेल विहार कॉलोनी परिसर में सम्मानित किया गया। इसके साथ ही केक काट कर उनका सामूहिक जन्म दिवस भी मनाया गया। सभी सम्मानित होने वाली श्रमदेवी शक्तियों को साड़ियां भी भेंट की गईं। इस अवसर पर संगीत का भी कार्यक्रम हुआ।


नव अंशिका फाउंडेशन संस्था की अध्यक्षा नीशू त्यागी ने बताया कि नव अंशिका फाउंडेशन की ओर से नव अंशिका महिला माह की शुरुआत शुक्रवार 1 मार्च से की गई है क्यों कि इस साल महिला दिवस शुक्रवार को मनाया जा रहा है इसलिए मार्च माह के सभी पांचों शुक्रवारों को, “मिशन शक्ति” को समर्पित प्रेरक कार्यक्रम “द ग्रेट शक्तिस्वरूपा उत्सव” के अंतर्गत आयोजित किये जा रहे हैं। इसमें विभिन्न वर्गों से सम्बंध रखने वाली यूपी की सशक्त बेटियों को शामिल किया जाएगा। यह कार्यक्रम 1, 8, 15, 22 और 29 मार्च को होंगे।

इसी क्रम में नव अंशिका फाउंडेशन संस्था की अध्यक्षा नीशू त्यागी की अगुआई में 1 मार्च को महिला माह के प्रथम सोपान के अंतर्गत गोमती नगर के रेल विहार कालोनी घरों में काम करने वाली महिलाओं को “नव अंशिका श्रमदेवी शक्ति सम्मान” दिया गया। यह सम्मान रमा, रंजीता, कुमारी गुड्डी एक, मनीषा, गुड्डी दो, निर्मला, नेहा, राधा, रेखा को प्रदान किया गया। इन श्रमदेवियों का सामूहिक जन्मदिन केक काट कर मनाया गया। इसके साथ ही उन्हें साड़ियां भी भेंट की गईं। महिलाओं ने उत्साह के साथ संगीत कार्यक्रम का भी भरपूर आनन्द लिया। 

इस आयोजन के सहयोगी मंडल में रेखा शर्मा, चन्द्र प्रभा मायर, सावित्री देवी, मंजू बिष्ट, रचना सिंह, मीना श्रीवास्तव, पूनम पाण्डे, आभा सिंह, रेनू जोशी, डॉ.शालिनी दत्त, आनंदिता कौशिक, पम्पी मायर शामिल रहीं। संस्था की अध्यक्षा नीशू त्यागी के अनुसार महिला माह की पूरी अवधारणा को साकार करने में नव अंशिका फाउण्डेशन के संरक्षक राजेश जायसवाल और उपाध्यक्ष नीरा लोहानी के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी मंजू विष्ट की अहम् भूमिका रही।

इस क्रम में दूसरे शुक्रवार 8 मार्च, महिला दिवस पर चूंकि शिवरात्रि महापर्व भी है इसलिए उस दिन “शिव की शक्ति” थीम पर कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर महिला दिवस स्लोगन, चित्रकला, नृत्य, गायन आदि के सात मार्च तक प्राप्त वीडियोज को नव अंशिका फाउण्डेशन के सोशल साइट्स पर 8 मार्च को शेयर किया जाएगा।

तीसरे शुक्रवार 15 मार्च को शिक्षा, खेल, कला आदि क्षेत्र में यश अर्जित करने वाली “यूपी की सशक्त बेटियों” को “नव अंशिका तेजस्वनी सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा। इसका मकसद उनकी उपलब्धियों के माध्यम से दूसरों को राह दिखाना है।
चौथे शुक्रवार 22 मार्च को होली के फाग गायन, व्यंजन, रंगोली आदि पर “रंग-रंगीली सहेली” प्रतियोगिता, घरेलू महिलाओं के बीच करवायी जाएगी। अंतिम शुक्रवार 29 मार्च को पुरुषों के क्षेत्र में नाम अर्जित करने वाली महिलाओं को “नव अंशिका सर्वश्री सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा। “शक्तिस्वरूपा उत्सव” के लिए हेल्पलाइन का नम्बर “9721700025” है। इसके माध्यम से इस आयोजन और प्रतिभागिता के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है।

संयोजक दबीर सिद्धिकी ने बताया कि महिला दिवस अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर, सबसे पहले 28 फ़रवरी 1909 को मनाया गया। उसके बाद यह फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। साल 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। साल 1917 में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल की जिसके परिणाम स्वरूप ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया। ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार वह दिन 8 मार्च था। ऐसे में साल 1921 में 8 मार्च महिला दिवस के रूप में विश्व स्तर पर मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम-लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी निर्धारित किया गया है। इसका मकसद दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी और शिक्षा के उपयोग के प्रति जागरुकता लाना है।


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