कन्नौज : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने पर सस्पेंस खत्म हो गया है. अखिलेश यादव गुरुवार 12 बजे नामांकन करेंगे. इस दौरान पूरा यादव उनका भी मौजूद रहेगा. इससे पहले समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन कन्नौज पार्टी पदाधिकारियों की नाराजगी और सीट गंवाने की संभावना को देखते हुए अखिलेश यादव ने खुद मैदान में उतरने का फैसला किया है.
दरअसल, कन्नौज लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी खासकर यादव कुनबे का गढ़ रही है. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराकर कमल खिलाया. इस बार भी बीजेपी ने सुब्रत पाठक को मैदान में उतारा है. अब उनका मुकाबला अखिलेश यादव से होगा. सुब्रत पाठक भी आज अपना नामांकन करेंगे.
जानकारों के मुताबिक इस बार अखिलेश यादव अपनी पारंपरिक सीटों पर जीत सुनिश्चित करने में जुटे हैं, यही वजह है कि सिर्फ पांच यादवों को टिकट दिया गया है, जो कि परिवार के ही सदस्य हैं. पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी, भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़, शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव बदायूं और फिरोजाबाद से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय को पार्टी ने टिकट दिया है.
सुब्रत पाठक ने किया कटाक्ष
कन्नौज से सपा सुप्रीमों के लड़ने पर सुब्रत पाठक ने कटाक्ष किया है. उन्होने कहा कि अखिलेश जी का घमंड टूट रहा है. पहले किसी को भी लड़ाकर जिताने का अखिलेश यादव का घमंड अब टूट रहा है. सुब्रत बोले मैं तो पहले ही कह रहा था कि आपके अलावा मेरे खिकाफ कोई लड़ ही नहीं सकता, अगर तेज प्रताप लड़ते तो सपा के 80 प्रतिशत वोटर कार्यकर्ता मेरे होते.