लखनऊ : ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को आम्रपाली के ड्रीम वैली-दो में निर्माणाधीन बिल्डिंग में लिफ्ट गिरने से अब तक 8 मजदूरों की मौत हो चुकी है। हादसे में घायल चार मजदूरों ने शनिवार को दम तोड़ दिया है जबकि शुक्रवार को हुए हादसे में चार लोगों की मौत हुई थी।
पुलिस की प्राथमिक जांच में कंस्ट्रक्शन कंपनी और एनबीसीसी के अधिकारियों पर सुरक्षा के मानकों को दरकिनार करने की बात सामने आयी है। मामले में एनबीसीसी के दो जनरल मैनेजर समेत नौ लोगों पर केस दर्ज किया है।
पुलिस की प्राथमिक जांच में कंस्ट्रक्शन कंपनी और एनबीसीसी के अधिकारियों पर सुरक्षा के मानकों को दरकिनार करने की बात सामने आयी है। मामले में एनबीसीसी के दो जनरल मैनेजर समेत नौ लोगों पर केस दर्ज किया है।
कंपनी की ओर से हादसे में मरने वालों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा, जबकि परिवार के लोग कंपनी के खिलाफ कार्रवाई और 50-50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग कर रहे थे।
शुक्रवार को बिसरख थाना क्षेत्र में हादसा होने के बाद आम्रपाली ड्रीम वैली को सील करते हुए वहां पर पीएसी को तैनात कर दिया गया है। यह बिल्डिंग तो आम्रपाली ग्रुप की है लेकिन इसे एनबीसीसी ने टेकओवर कर लिया था।
शुक्रवार को बिसरख थाना क्षेत्र में हादसा होने के बाद आम्रपाली ड्रीम वैली को सील करते हुए वहां पर पीएसी को तैनात कर दिया गया है। यह बिल्डिंग तो आम्रपाली ग्रुप की है लेकिन इसे एनबीसीसी ने टेकओवर कर लिया था।
हादसे में मारे गए लोगों में बिहार राज्य के इस्ताक अली (23), अरुण तांती मंडल (40),. विपोत मंडल (45), उत्तर प्रदेश राज्य के अमरोहा जनपद निवासी आरिस खान (22),अली, अरबाज अली, मान अली (23) और कन्नौज निवासी कुलदीप पाल (20) है। अन्य मजदूर घायल है।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहयोग चौबीस घंटे के भीतर उनके खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इन राशियों में पांच-पांच लाख रुपये कोर्ट रिसीवर और 20-20 लाख रुपये एनबीसीसी देगा। घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराये जाने की भी जिम्मेदारी एनबीसीसी की होगी।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहयोग चौबीस घंटे के भीतर उनके खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इन राशियों में पांच-पांच लाख रुपये कोर्ट रिसीवर और 20-20 लाख रुपये एनबीसीसी देगा। घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराये जाने की भी जिम्मेदारी एनबीसीसी की होगी।