111: उत्तम। तुम्हारा शकुन शुभ है। कार्य सिद्व होगा। व्यापार में लाभ होगा।
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112: मध्यम। इस कार्य को करने में लाभ नही है।
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113: उत्तम। चिंता दूर होगी। कल्याण होगा।
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114: उत्तम। कुल की वृद्वि और लाभ होगा।
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121: मध्यम। सम्मान-प्राप्ति। कुछ चिंता होगी। श्री परमेंश्वर की पूजा करें।
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122: उत्तम। घर में लाभ। मनोकामना पूर्ण।
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123: उत्तम। कार्य सिद्व। कुटुंब की वृद्वि और स्त्री तथा घन लाभ।
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124: उत्तम। धन संतान की प्राप्ति। व्यापार में लाभ। शनि देव की पूजा करें।
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131: उत्तम। सब बाते भली होंगी। राज्य का काम मिलेगा। खोयी वस्तु मिलेगी।
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132: उत्तम। जो कार्य सोचा है, पूरा होगा। चिंताए दूर होगी।
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133: मध्यम। धन की हानि। सोमवार को शिव की पूजा करें।
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134: उत्तम। घर में लाभ। शासन से मनोवंछित फल मिलेगा।
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141: उत्तम। व्यापार में लाभ। कपडें के व्यापार में अति लाभ। दुख दूर होगें।
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142: उत्तम। भाई बंधु, मित्रो से मिलाप। चिंताए मिटेगी।
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143: उत्तम। मनोकामना सिद्व होगी। धन-धान्य की चिंताए दूर होगी। कल्याण और पुत्र लाभ। गांव जाने का स्वप्न दिखे तो अति उत्तम।
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144: उत्तम। सकल कामना सिद्व होगी। स्वप्न में देवी के दर्शन हों तो शुभ है।
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211: उत्तम। धन-धान्य सुख मिलेगा।
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212: उत्तम। अर्थ सिद्वि और कुल में वृद्वि। सारे मनोरथ सिद्व।
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213: मध्यम। मन में स्त्री अथवा धन की चिंता है। सोलह मास के अंत में फल मिलेगा।
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214: उत्तम। कल्याण होगा और गयी वस्तु मिलेगी। धन धान्य की चिंता दूर होगी।
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221: उत्तम। तीन वर्ष से चिंता अथवा दुख व कलेश है। वह दूर होगा।
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222: मध्यम। घर में विरोध की स्थिति है। स्त्री से प्रीति कम है। मित्रो से बोल चाल नही है, जिससें क्लेश है। श्री भगवान की पूजा करें।
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223: मध्यम। मन में चिंता है। लाभ नही होता। घर में क्लेश रहता है। कुछ दिन में लाभ होगा।
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224: पराये घर की फिक्र है। नव ग्रहों की पूजा करें।
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231: उत्तम। सुख और लाभ होगा। एक महीने के अंत में फल मिलेगा।
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232: मध्यम। इस काम को न करें। डर है सुख न मिलेगा। घर में विरोध है और व्यापार में लाभ नहीं।
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233: मध्यम। इस काम को करने से चिंता होगी। कुछ और काम करें।
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234: सामान्य है। घर में विरोध रहता है और कुटुंब में एकता नहीं है। डरे नही, सब दुख दूर हो जायेगें।
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241: उत्तम। घर में सुख होगा। कामना सिद्व होगी।
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242: मध्यम। व्यापार में लाभ। सूर्य का व्रत करें, शरीर सुख मिलेगा।
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243: उत्तम। व्यापार में लाभ। मन का संदेह दूर होगा।
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244: उत्तम। सुख लाभ। चिंताए दूर होंगी।
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311: उत्तम। अच्छे स्थान से लाभ। मनोकामना पूर्ण होगी।
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312: उत्तम। मनोकामना सफल होगी। धन धान्य का लाभ। स्वप्न में गज, अश्व दिखें तो मांगलिक लाभ।
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313: उत्तम। धन की इच्छा है परन्तु बैरी बहुत हैं। चिंता दूर होगी। शकुन सामान्य है।
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314: उत्तम। कल्याण होगा। अर्थ प्राप्त होगा। श्रीगणेश की पूजा करें।
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321: मध्यम। घर में लाभ। व्यापार में लाभ होगा।
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322: मध्यम। धन का नाश होगा।
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323: अर्थ लाभ। सौभाग्य मिलेगा। शत्रु नाश।
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324: उत्तम। कृषि व्यापार में बहुत लाभ। मनोकामना पूर्ण होगी। हनुमान जी का पूजन करें।
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331: उत्तम। चिंताए दूर होंगी। लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। कार्य सिद्व होगा।
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332: मनोरथ सिद्व होंगे। चिंता न करें।
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333: उत्तम। काम शुभ होंगे। चिंताए मिटेगी। भाई बंधु मित्र से मिलाप होगा।
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334: उत्तम। व्यापार में लाभ। मनोरथ सिद्व होंगे।
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341: उत्तम। सब कार्य सिद्व होगें। धैर्य धरें।
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342: उत्तम। घर में प्रीति बढेगी और अति लाभ होगा। मनोकामना फलेगी।
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343: मध्यम। बैरी बहुत हैं। जो काम विचारा है, सो बनेगा, पर इस काम में लाभ नहीं है।
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344: उत्तम। बहुत लाभ होगा। मित्र बंधु से मिलाप होगा।
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411: उत्तम। मनोरथ सिद्व होगा। धन-धान्य का लाभ भी।
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412: चिंताए कुछ दिन में मिट जायेंगी। आपकी वस्तु आपके हाथ में है। धैर्य धरें।
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413: उत्तम। चिंता मिटेगी। धन उपार्जन अर्थात व्यापार करें।
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414: उत्तम। कुछ चितांए जो शीघ्र दूर होगीं। व्यापार में सुख लाभ। मनोरथ फलेगा।
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421: उत्तम। मन मे प्रदेश जाने की इच्छा है। मनोरथ सिद्व होगा।
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422: मध्यम। मन में चिंता। पूजा करें। चिंता रोग दूर होंगे।
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423: उत्तम। घर में लाभ। बैरी का नाश। सुख संपत्ति फलेगी। कुटुंब में फल पुत्र का लाभ, परन्तु एक दीप दीपक देवता के मंदिर में जलायें।
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424: मध्यम। घर में चिंता है, दूर होगी। मनोकामना सिद्व होंगी।
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431: उत्तम। लाभ होगा, किसी स्थान की प्रप्ति होगी। मनोरथ सिद्व होगें।
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432: उत्तम। लाभ है। चिंता दूर होगी। धन-धान्य का लाभ और सुख होगा। परदेश जायें तो सम्मान प्राप्त होगा।
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433: मध्यम। मन में चिंता है। शंका न करें। सुख होगा।
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434: उत्तम। शरीर में क्लेश है अथवा भाई बंधु से मेल नहीं है। मनोकामना पूर्ण होगी।
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441: उत्तम फल प्राप्ति होगी। कोई उपाय करें। मनोरथ सिद्व होगा।
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442: मध्यम। इस काम को करने में सुख न मिलेगा। शिवजी के मंदिर में एक दीपक का प्रकाश करें।
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443: मध्यम। यह काम अशुभ है। इसमें चिंता होगी और काम बिगेड़गा। नवग्रह पूजन से कल्याण होगा। शकुन मध्यम है।
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444: उत्तम। व्यापार में लाभ। मन में कुछ चिंता होगी। कुछ दिन बाद सकल कामना सिद्व होगी। श्री राम नाम की गोली बनाकर जल में ड़ालें अथवा जीवों को चुगांए। सुखदायी फल मिलेगा।
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