रिपोर्ट- वैभव तिवारी, लखनऊ
आज कल सभी कंपनियां अपने अपने नेटवर्क को सबसे बेहतरीन करने के लिए, आये दिन spectrums खरीद रहीं है, इसी के साथ साथ अपने नए नए टावर्स इंस्टालेशन पर भी सभी कंपनियां करोड़ों रुपये खर्च रहीं है, ताकि उनका नेटवर्क सबसे बेहतरीम हो।
इसी तैयारी में भारत सरकार की टेलीकॉम कंपनी BSNL भी अब इस दौड़ में लग गयी है, आप को बता दें कि bsnl आज भी 4G नही बल्कि 3G सेवा पर ही चल रहा है, 4G को आये हुए 5 साल होने वाले है, और ऐसे में bsnl का इतना पीछे रहना उनके बाजार के लिये सही बिल्कुल नही है, एक समय मे सबसे ज़्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी आज सबसे पीछे भी है, और घाटे में भी चल रही है।
अभी हाल ही में ये अफवा हुई है कि बहोत जल्द BSNL भी अपनी 4G की तैयारी में लग गया है, और उन्होंने spectrum पर काम करना भी शुरू कर दिया है, जिसमे कुछ कंपनी तो बाहर की है, और कुछ भारतीय लोकल कंपनी है।
TePC का इल्जाम
TEPC यानी Telecom product and equipment promotion body ने BSnl पर ये इल्ज़ाम लगाया है कि, वह जान बूझ कर भारतीय लोकल कंपनी को एक सीमा में बांध कर छोटे मोटे इलाके थमा दी रहा है, और जितने भी बड़े बड़े सेक्टर है, वहां पर बाहर की कंपनियां जैसे samsung Nokia, जैसी कंपनियों को दे रहा है, बल्कि bsnl हमेशा से स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का नाटक करता आ रहा है, लेकिन समय आने पर बड़ी बड़ी कंपनियों को ही सारे टेंडर मिल रहे है, जो कि बाहर से आई हुई है।