भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 वैश्विक ऊर्जा संवाद को पुन: परिभाषित करेगा
पंकज जैन


नई दिल्ली : भारत सरकार का प्रमुख ऊर्जा कार्यक्रम भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 (आईईडब्ल्यू 2025) 11 से 14 फरवरी, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय पेट्रोलियम उद्योग महासंघ (एफआईपीआई) इसका आयोजन यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में करेगा। इससे पहले भारत ऊर्जा सप्ताह को दो बार उल्लेखनीय सफलता के साथ आयोजित किया जा चुका है। इस वर्ष के ऊर्जा कैलेंडर का पहला प्रमुख वैश्विक आयोजन, आईईडब्ल्यू 2025, वर्ष का सबसे व्यापक और समावेशी वैश्विक ऊर्जा सम्मेलन होगा।

वर्ष 2023 में आरंभ होने के बाद से, भारत ऊर्जा सप्ताह लगातार वैश्विक तौर पर अपनी उपयोगिता दर्ज करा रहा है। आईईडब्ल्यू 2025 ने अपने महत्व से अन्य अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा आयोजनों को पीछे छोड़ दिया है। इस वर्ष का आयोजन पिछले आयोजनों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें भागीदारी में बढ़ोतरी और गहन चर्चाएँ शामिल हैं।

इस वर्ष इसे संबोधित करने वाले वक्ताओं में उल्लेखनीय तौर पर प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू ऊर्जा कंपनियों के लगभग 70 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित वरिष्ठ विशेषज्ञ शामिल हैं, जो इस आयोजन के बढ़ते वैश्विक महत्व को दर्शाता है। इस वर्ष आईईडब्ल्यू का आयोजन पहले से कहीं अधिक व्यापक होगा और अद्वितीय वैश्विक भागीदारी युक्त होगा, जिसमें उन्नत अर्थव्यवस्थाओं, सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादकों और प्रमुख विकासशील देशों के 20 से अधिक ऊर्जा मंत्री और उप मंत्री शामिल होंगे। कार्यक्रम में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख और दुनिया की कुछ सबसे बड़ी फॉर्च्यून 500 ऊर्जा कंपनियों के 90 मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल होंगे, जिनमें बीपी, टोटलएनर्जीस, कतरएनर्जी, एडीएनओसी, बेकर ह्यूजेस और विटोल समूह शामिल हैं।

आईईडब्ल्यू 2025 में सात प्रमुख विषयों (सहयोग, स्थिति अनुकूलन, परिवर्तन, क्षमता, डिजिटल फ्रंटियर्स, नवाचार और नेतृत्व) को शामिल किया गया है, जिसमें डीकार्बनाइजेशन (कोयला, तेल, या प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को कम करके, जल्द से जल्द नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर होना), ऊर्जा इक्विटी (सबको स्वच्छ ऊर्जा उपलब्धता) और कम कार्बन अर्थव्यवस्था (एक ऐसी अर्थव्यवस्था, जो उतनी ही ग्रीनहाउस गैस को अवशोषित करती है, जितनी उत्सर्जित करती है) के लिए व्यावहारिक समाधानों पर अधिक जोर दिया जाएगा।

2024 में हुए इसके आयोजन में 18 श्रेणियों की तुलना में इस वर्ष 20 विषयगत श्रेणी शामिल किए गए हैं। जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटलीकरण और समुद्री डीकार्बोनाइजेशन जैसे अत्याधुनिक मुद्दों पर व्यापक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सम्मेलन के संरचित चरण ऊर्जा अनुकूलन और हरित ऊर्जा परिवर्तन के भारत के ऊर्जा स्वतंत्रता और डीकार्बनाइजेशन के दोहरे लक्ष्यों के साथ पूरी तरह संरेखित है और वैश्विक और राष्ट्रीय एजेंडा दोनों के लिए प्रासंगिक है।

इस सम्मेलन में 120 देशों के 70,000 से अधिक प्रतिनिधियों और 700 से अधिक प्रदर्शकों के 8 विषयगत क्षेत्रों में भाग लेने की संभावना है। आयोजन में अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, जापान, रूस सहित 10 देशों के मंडप लगाए जाएँगे। यह प्रमुख आयोजन वैश्विक ऊर्जा संवाद पर व्यापक विमर्श-चर्चा, सफल प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन और सतत ऊर्जा भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का प्रमुख मंच बनेगा।

(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते है)

अधिक बिज़नेस की खबरें