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इस जन्माष्टमी पर लाना चाहते हैं लड्डू गोपाल तो करें ये उपाय
फाइल फोटो


जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जनमाष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कई लोग भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप, लड्डू गोपाल की मूर्ति को घर लाकर उनकी सेवा करते हैं। अगर आप भी इस अवसर पर लड्डू गोपाल को घर लाने का मन बना रहे हैं तो उनकी सेवा के कुछ नियम जरूर जान लें।

इस तरह करें सेवा

लड्डू गोपाल को नियमित रूप से प्रातः काल मौसम के अनुसार ठंडे या गर्म पानी से स्नान कराना चाहिए। इसके बाद उन्हें साफ-सुथर वस्त्र पहनाएं। वस्त्र पहनाते समय भी मौसम का ध्यान रखना जरूरी है। गर्मी में हल्के और सर्दियों में ऊन से बने वस्त्र पहना सकते हैं। लड्डू गोपाल के वस्त्र प्रतिदिन बदलने चाहिए।

जरूर करें श्रृंगार

लड्डू गोपाल का प्रतिदिन श्रृंगार करना चाहिए। उनके कान की बाली, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मोरपंख जरूर होना चाहिए। साथ ही, उनके माथे पर चन्दन का तिलक जरूर लगाएं।

पूजा करने की विधि

नियमित रूप से बाल गोपाल की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। सुबह-शाम लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। ध्यान रहे कि उनका भोजन सात्विक होना चाहिए। साथ ही भोग में तुलसी का पत्ता जरूर डालें। रात होते ही उन्हें उनके बिस्तर पर सुला देना चाहिए और मंदिर का पर्दा गिरा देना चाहिए। आप चाहें तो उन्हें लोरी भी सुना सकते हैं।

कभी न छोड़े अकेला

लड्डू गोपाल श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप हैं, ऐसे में उनको एक बच्चे की तरह रखना होता है। इस बात का ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल को घर में ज्यादा समय के लिए अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप लंबे समय के लिए बाहर जा रहे हैं तो उन्हें भी अपने साथ लेकर जाएं। अगर ऐसा संभव न हो तो आप किसी रिश्तेदार को लड्डू गोपाल की जिम्मेदारी देकर जा सकते हैं।

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