25 फरवरी को गंगूबाई काठियावाड़ी सिनेमाघरों में दे रही है दस्तक
फाइल फ़ोटो


संजय लीला भंसाली की आने वाली फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को U/A सर्टिफिकेट दिया है। जिसका मतलब है कि फिल्म को सभी आयु वर्ग के दर्शक देख सकते हैं। आलिया भट्ट स्टारर यह फिल्म हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वींस ऑफ मुंबई' पर आधारित है। फिल्म को लेकर काफी विवाद चल रहा है जिसमें ये राहत देने वाली खबर आई है। इसका प्रीमियर बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में हो चुका है। 25 फरवरी को गंगूबाई काठियावाड़ी सिनेमाघरों में दस्तक दे रही है।

हालांकि फिल्म के चार सीन पर सीबीएफसी की कैंची चली है और इसे हटाने के बाद ही 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को U/A सर्टिफिकेट दिया गया है। बॉलीवुड हंगामा की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीबीएफसी ने एक गाली हटाई है। शिकायत में कहा गया है कि बिना दृश्य का विवरण दिए 17 सेकंड के लंबे संवाद और ग्राफिक्स को हटा दिया गया।

पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ गंगूबाई की बातचीत को दर्शाने वाला एक सीन भी बदल दिया गया है। दिवंगत प्रधानमंत्री के 'गंगूबाई के कंधे पर गुलाब का फूल रखने' वाला दृश्य भी बदला गया है, और 43 सेकंड का संवाद भी हटा दिया। निर्माताओं को अग्रेंजी और हिन्दी में 5 सकेंड का डिस्केमर डालने के लिए भी कहा गया है।
वैसे संजय लीला भंसाली की फिल्मों का रिलीज से पहले विवाद में फंसना आम बात हो गई है। 

पर आलिया भट्ट की 'गंगूबाई काठियावाड़ी' तो चौतरफा फंस गई है। मूवी के सीन्स को लेकर अभी तूफान थमा भी नहीं था कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशक संजय लीला भंसाली को फिल्म का नाम बदले का सुझाव दे दिया। बता दें कि 'गंगूबाई काठियावाड़ी' 25 फरवरी को दर्शकों के बीच आ रही है, ऐसे में ऐन पहले नाम बदले की कवायद मुश्किलें पैदा कर सकतीं हैं।

ईटाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट में फिल्म के टाइटल को लेकर काफी आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं। अदालत में आज यानि 24 तारीख को इसपर फाइनल सुनवाई होनी है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भंसाली के वकील ने कहा है कि वो गुरुवार को सुनवाई के दौरान फिल्म निर्माता का पक्ष रखेंगे। अब प्रश्न ये है कि क्या भंसाली नाम बदलने के लिए तैयार होंगे। इससे पहले भी विवाद के चलते उन्होंने 'गोलियों की रासलीला राम-लीला' और 'पद्मावत' सहित अपनी फिल्मों के शीर्षक बदले हैं।

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