अगर आप के भी आंखों में हैं ये दिक्कत तो हो जाएं सतर्क
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आपने भी नाखून, त्वचा या पेशाब के रंग में परिवर्तन के आधार पर बीमारियों की पुष्टि के बारे में सुना होगा। पर क्या आप जानते हैं कि हमारी आंखें भी शरीर में पनप रही कई गंभीर बीमारियों का संकेत देती हैं  स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक आंखों के रंग में बदलाव या इनमें होने वाली किसी भी अन्य समस्या को आमतौर पर हम आंखों की सेहत से ही जोड़कर देखते हैं, पर ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसे कई परिवर्तन शरीर में गंभीर बीमारियों का भी संकेत हो सकते हैं। जैसे आंखों में होने वाले कुछ बदलावों के आधार पर शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का अंदाजा लगाया जा सकता है।

आंखों में दिखते हैं कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण

यूके की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाई कोलेस्ट्रॉल या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का अंदाजा आंखों में दिखने वाले कुछ संकेतों के आधार पर भी लगया जा सकता है। रक्तप्रवाह में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति के कारण हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया की समस्या हो जाती है। इसका हमारे स्वास्थ्य पर कई तरह से नकारात्मक असर देखा जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाने के कारण हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच कराते रहनी चाहिए। आइए जानते हैं कि आंखों में किन लक्षणों के आधार पर इस समस्या का अंदाजा लगाया जा सकता है

पलकों पर पीले रंग का उभार-

अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के अनुसार, पलकों पर या उसके पास पीले रंग की वृद्धि को जैंथेलाजमा के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर यह समस्या तब होती है जब त्वचा के नीचे कोलेस्ट्रॉल  का जमाव होने लगता है। वैसे तो जैंथेलाजमा को बहुत हानिकारक नहीं माना जाता है हालांकि कोलेस्ट्रॉल संबंधी ये लक्षण हृदय रोग का भी संकेत हो सकते हैं, जिनको लेकर लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आंखों या उसके आसपास किसी भी तरह का उभार दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

आईरिस के आसपास पीला-सफेद रंग का रिंग दिखना-

जैंथेलाजमा के अलावा आईरिस के चारों ओर पीला-सफेद रिंग दिखाई देना भी शरीर में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का संकेत माना जाता है। इस स्थिति को कॉर्नियल आर्कस के नाम से जाना जाता है। मायो क्लिनिक के मुताबिक वृद्ध लोगों में यह समस्या आम है। यह कॉर्निया के किनारे में लिपिड जमा होने के कारण होता है। आंखों में इस तरह के बदलाव नजर आते ही डॉक्टर से संपर्क करके कोलेस्ट्रॉल की जांच करा लेनी चाहिए।

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