ताइवान के सशस्त्र बल के लिए ट्रेनिंग प्रदान करने और हथियारों की डिलीवरी में तेजी लाने में मदद करने का लिया संकल्प
फाइल फोटो


ताइवानी राष्ट्रपति के US दौरे से बौखलाए चीन ने फिर से शक्ति प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है। वहीं, अब एक वरिष्ठ अमेरिकी सांसद ने ताइवान की सेना को ट्रेनिंग देने और हथियारों की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की है। बता दें कि बौखलाए चीन ने द्वीप के चारों ओर 3 दिनों के लिए सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। 

ताइवान से लौटीं Tsai

चीन ने यह घोषणा ऐसे समय पर की है जब ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन इंग (Taiwan President Tsai Ing-wen) हाल ही में अमेरिका के दौरे से लौटी हैं। अमेरिका में उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स हाउस के स्पीकर से मुलाकात की थी, जिसके बाद चीन बौखला गया है और उसने ताइवान के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया है।

चीन इस सैन्य अभ्यास में अपने लड़ाकू विमानों को ताइवान के जल क्षेत्रों के आस-पास और ताइवान के उत्तर, दक्षिण और पूर्व में योजना के अनुसार अभ्यास करेगा। चीन इस अभ्यास के जरिए ताइवान को अपनी सैन्य ताकत दिखाने के साथ ही फिर से युद्ध की चेतावनी देना चाहता है।

Tsai की मैकार्थी से मुलाकात पर बौखलाया चीन

बता दें कि त्साई ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैकार्थी से मुलाकात की थी जिससे बीजिंग नाराज हो गया था। वहीं, जब ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन लॉस एंजिल्स से ताइपे लौटीं तो उसके ठीक अगले दिन ही चीन ने सैन्य अभ्यास की घोषणा कर दी।

अपने द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए त्साई द्वारा ताइपे में आयोजित लंच के दौरान यूएस हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष माइकल मैककॉल ने कहा कि वे ताइवान के समर्थन में थे और यह जरूरी है कि ऐसी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं एक साथ खड़ी हों।

मैं ताइवान को हथियारों की करूंगा आपूर्ति- मैककॉल

उन्होंने कहा कि हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष के रूप में, मैं ताइवान के लिए हथियारों सहित सभी विदेशी सैन्य बिक्री पर हस्ताक्षर करता हूं और मैं आपसे वादा करता हूं अध्यक्ष महोदया कि हम उन हथियारों को वितरित करेंगे।

ताइवान ने पिछले साल से अमेरिकी हथियारों की डिलीवरी में देरी की शिकायत की है, जैसे कि स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल, क्योंकि कई निर्माता यूक्रेन को रूस के खिलाफ युद्ध (Russia Ukraine War) लड़ने और अपनी रक्षा करने के लिए हथियारों की आपूर्ति कर रहे थे।

सेना को शांति के लिए देंगे ट्रेनिंग- मैककॉल

रिपब्लिकन मैककॉल ने कहा कि हम इस बिक्री को तेज करने और अपने बचाव के लिए आवश्यक हथियार प्राप्त करने के लिए कांग्रेस में वह सब कुछ कर रहे हैं जो हम कर सकते हैं और हम आपकी सेना को युद्ध के लिए नहीं, बल्कि शांति के लिए ट्रेनिंग देंगे।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने ताइवान को चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा हमले के खिलाफ सुरक्षा के लिए अपनी सेना और हथियार प्रणालियों को मजबूत करने की पेशकश की है।  

ताइवानी लड़ाकू पायलट ले रहे US में ट्रेनिंग

कुछ ताइवानी लड़ाकू पायलट (Taiwanese fighter pilots) पहले से ही संयुक्त राज्य में ट्रेनिंग ले रहे हैं। वहीं, दो अमेरिकी अधिकारियों ने फरवरी में रॉयटर्स को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान की सेना सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित करने में मदद करने के लिए तैयार है।

रॉयटर्स ने 2021 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि अमेरिकी विशेष अभियान बलों की एक छोटी टुकड़ी, ताइवान में सेना को ट्रेनिंग दे रही है।
चीन ताइवान को संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने संबंधों में सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा मानता है और यही मुद्दा बीजिंग और वाशिंगटन के बीच लगातार टकराव की एक वजह बना हुआ है। 

त्साई और US स्पीकर की पहली मुलाकात 

ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने बीते बुधवार को अमेरिका के निचले सदन के सभापति केविन मैकार्थी (Chairman Kevin McCarthy) से कैलिफोर्निया में मुलाकात की थी। किसी ताइवानी राष्ट्रपति का अमेरिका जाकर US स्पीकर से मिलने का यह पहला मौका था।

चीन ने इसे लेकर धमकी दी थी कि अगर राष्ट्रपति त्साई इंग वेन, अमेरिकी स्पीकर से मिलीं तो अच्छा नहीं होगा। वहीं, बाइडेन प्रशासन ने कहा कि त्साई की यात्रा को लेकर भड़कने जैसा कुछ भी नहीं है। बस यह यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब US-China संबंध ऐतिहासिक रूप से गिर गए हैं।

बीते साल अगस्त में भी गुस्साया था चीन

चीन बीते साल अगस्त में भी ताइवान का घेराव कर चुका है। उस समय अमेरिकी House of Representatives की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) ताइवान की यात्रा पर पहुंची थीं। उस समय भी चीन ने यहां युद्ध अभ्यास किया था और ताइवान को लगातार डरा रहा था। इस युद्ध अभ्यास में चीन ने समुद्र से लेकर जमीन और हवा में भी ताइवान की घेराबंदी की थी। चीन की सेना अपने सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों से लेकर Hypersonic Missiles तक का इस्तेमाल कर रही थीं। 

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