बस्ती : उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले दो सर्राफा व्यवसायी से हुई लूट मामले में पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने गुरुवार को दारोगा समेत दो अन्य पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया. जबकि पूरे मामले में लापरवाही करने वाले 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया.
जाने क्या है मामला?
दरअसल, सर्राफा कारोबारी के करीबी दीपक और रामू वर्मा बुधवार को गहनों की खरीददारी करने बस से लखनऊ जा रहे थे. इस दौरान गोरखपुर में रेलवे बस स्टेशन पर वर्दीधारी दारोगा व दो सिपाहियों ने उन्हें पकड़ लिया. तस्करी करने का आरोप लगाते हुए उन्हें पूछताछ के बहाने वहां से टेंपों में बैठाकर नौसढ़ ले गए. जहां पुलिस वालों ने पहले दोनों की पिटाई की और बाद में गहने व रुपये से भरा बैग छीन लिया. इसके बाद व्यवसायी की तहरीर पर गोरखपुर के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. पीड़ितों ने आरोप लगाया था कि लूट करने वालों ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी.
आरोपियों तक पहुंचने में CCTV की ली मदद
बता दें कि तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया. इसके बाद कैंट पुलिस, क्राइम ब्रांच और नौसढ़ चौकी प्रभारी बदमाशों की तलाश में जुट गए. सीसीटीवी कैमरे की जांच में मिले फुटेज के आधार पर टीम बस्ती पहुंची. वहां सर्विलांस की मदद से पुरानी बस्ती थाने पहुंचकर घटना में इस्तेमाल बोलेरो, लूटी गई रकम और गहने बरामद किए. साथ ही वारदात को अंजाम देने वाले दारोगा और दो सिपाहियों को पकड़ लिया. वहीं वारदात में शामिल एक अन्य सिपाही की तलाश चल रही है.
पहले भी कई अन्य घटनाओं को दिया अंजाम
पकड़े गए आरोपियों से पता चला कि उन्होंने लूट की कई घटनाओं को पहले भी अंजाम दिया है. बता दें कि इस पूरी वारदात में पुलिस ने निचलौल से मुखबिरी करने वाले दो युवकों को भी पकड़ा है. वहीं, एसपी ने कार्रवाई करते हुए पुरानी बस्ती थाने पर तैनात SI धर्मेंद्र यादव, कांस्टेबल महेंद्र यादव और कांस्टेबल संतोष यादव को बर्खास्त कर दिया. वहीं लापरवाही के मामले में थानाध्यक्ष अवधेश राज सिंह समेत 9 पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया.