रिपोर्ट :- वैभव तिवारी , लखनऊअभी हाल ही में व्हाट्सएप्प ने अपनी नई प्राइवेसी पालिसी का एलान किया है, उसमे उन्होंने बताया है कि, इस नए प्राइवेसी के तहत आप अपने इनफार्मेशन को फेस बुक या किसी और एप्प में शेयर न करने का कोई ऑप्शन नही है, मतलब की अगर आप नही चाहते है अपनी इनफार्मेशन शेयर करना उसके बावजूद भी वह शेयर हो जाएगी, जिन जिन को भी इस प्राइवेसी पालिसी से आपत्ति है, वह व्हाट्सएप्प को छोड़ के जा सकते है। इसी बवाल के कारण , लोगों ने व्हाट्सएप्प को छोड़ने का निर्णय लिया था, हालांकि वह छोटा मोटा आंदोलन बस कुछ दिन ही चला, उसके बाद सब वापस से व्हाट्सएप्प ही इस्तेमाल कर रहे है। केंद्र सरकार का मानना है, की ऐसी प्राइवेसी पालिसी लाना किसी भी एप्प के लिए सही नही है, क्योंकि डेटा कलेक्ट करने वाली सभी एप्प की ये ज़िम्मेदारी बनती है, की वह अपने कस्टमर्स की प्राइवेसी पालिसी का ध्यान स्वयं रक्खे। व्हाट्सएप्प की माने तो ये प्राइवेसी पालिसी 15 मई से लागू हो जाएगी, और इस बात को ले कर केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गयी है, की ऐसी प्राइवेसी पालिसी के आने से देश वासियों के डेटा सुरक्षित नही रह पाएगा।इसी बात को ध्यान रखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल जस्टिस जसमीत सिंह इस मामले पर कोर्ट की सुनवाई करेंगे जो कि 20 अप्रैल की तारीख तय हुई है। केंद्र का बस इतना कहना है कि व्हाट्सएप्प की इस नई प्राइवेसी पालिसी जिससे जनता के पर्सनल डेटा को लीक किया जाएगा ऐसा न होने दे और जल्द से जल्द इस पर रोक लगाई जाए।