वाशिंगटन : ताइवान को लेकर एक बार फिर चीन ने एकमात्र सुपर पावर देश अमेरिका खुलेआम धमकी दी है. चीन ने साफ कर दिया कि अगर उसने ताइवान के मामले में टांग अड़ाई तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा. गुरुवार को चीनी राष्ट्रपति शी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन करीब 2 घंटे 17 मिनट हुई. जिसमे चीन ने कहा ताइवान चीन का ही अंग है और वह ताइवान की स्वतंत्रता को सपोर्ट करने वाली सभी ताकतों का विरोध करता है. चीन ने साफ कहा कि अमेरिका इस मुद्दे को उठाकर आग से खेल रहा है.
बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुलेआम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को चेतावनी दी और कहा कि 'जो आग से खेलेगा, वो खुद जलेगा.' इससे चीन ने ताइवान को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. बताया जा रहा है कि जिनपिंग की खुली धमकी के बावजूद बाइडेन चुपचाप सुनते रहे और कारोबारी संबंध बढ़ाने पर जोर देते रहे. लेकिन चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना चीन के डेढ़ अरब लोगों की दृढ़ इच्छा है. इस दृढ इच्छा को किसी भी रूप में टाला नहीं जा सकता.
चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि मौजूदा वक्त में दुनिया में अशांति और बदलाव का दौर चल रहा है. ऐसे में दुनियाभर के लोग आशा कर रहे हैं कि चीन और अमेरिका मिलकर विश्व शांति को बनाए रखने में मदद करेंगे और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ाएंगे. दोनों देशों को इस वैश्विक जिम्मेदारी को गंभीरता से उठाना चाहिए. शी ने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर चीन का दृष्टिकोण दुनिया को पता है और उसे बार-बार दोहराने की जरूरत नहीं है.
बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुलेआम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को चेतावनी दी और कहा कि 'जो आग से खेलेगा, वो खुद जलेगा.' इससे चीन ने ताइवान को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. बताया जा रहा है कि जिनपिंग की खुली धमकी के बावजूद बाइडेन चुपचाप सुनते रहे और कारोबारी संबंध बढ़ाने पर जोर देते रहे. लेकिन चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना चीन के डेढ़ अरब लोगों की दृढ़ इच्छा है. इस दृढ इच्छा को किसी भी रूप में टाला नहीं जा सकता.
चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि मौजूदा वक्त में दुनिया में अशांति और बदलाव का दौर चल रहा है. ऐसे में दुनियाभर के लोग आशा कर रहे हैं कि चीन और अमेरिका मिलकर विश्व शांति को बनाए रखने में मदद करेंगे और वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ाएंगे. दोनों देशों को इस वैश्विक जिम्मेदारी को गंभीरता से उठाना चाहिए. शी ने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर चीन का दृष्टिकोण दुनिया को पता है और उसे बार-बार दोहराने की जरूरत नहीं है.