क्या सिर्फ़ ईवी के फ़ायदे ही जानते हैं आप या नुक़सान भी पता है?
पूरी दुनिया EVs प्रौद्योगिकी की ओर आकर्षित हो रही है।


नई दिल्ली:-इलेक्ट्रिक वीइकल नवीनतम ऑटोमोटिव ट्रेंड है और सभी विकसित तथा विकासशील देश पारंपरिक आंतरिक वाहनों सेइलेक्ट्रिक वाहनों की ओर आगे बढ़ने को प्रोत्साहन दे रहे हैं।

जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करने और शून्य कार्बन उत्सर्जन एवं सतत विकास के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये पूरी दुनिया EVs प्रौद्योगिकी की ओर आकर्षित हो रही है।

किंतु इससे होने वाले नुक़सान के बारे में बात करे तो ईवी में भी लिथीयम बैटरी का उपयोग किया जाता है जिसे फटने का डर तो है ही आम तौर पर इनकारों की बैटरी क्षमता 40kWh से 100kWh तक होती है, इसका मरलब है की आप चलते फिरते एक बड़े बोम्ब पर सवार हैं, इतनीक्षमता के बावजूद भी ये कारें एक बार चार्ज करने के बाद 300KM ज़्यादा नही जा पाती हैं,इसी के साथ क्षमता के घटने की वजह सेज़्यादा लिथीयम पाने की चाह में ज़्यादा खुदाई भी होगी जिससे ना सिर्फ़ पृथ्वी की परिस्थिकी तंत्र का नाश होगा अपितु पानी का व्ययभी अधिक होगा, एक औसतन ईवी कार की क़ीमत सामान्य कर की कमतों से अधिक होती है, किंतु कार्यक्षमता कहीं कम, एक्स्पर्ट्सकी माने तो एक कार की लाइफ़ साइकल औसतन 5 वर्ष की होती है।

तत्पश्चात उसकी कार्यक्षमता काफ़ी घाट जाती है अब यदि कोईव्यक्ति ईवी लेता है और 5 वर्ष के बाद बेंच देता है तो उस कार को बनाने के दौरान हुए प्रदूषण को बेअसर नही कर पाएगा, इन सब केबाद गरीब देश जिसे अफ़्रीका में लिथीयम निकलने के क्रम में बाल मज़दूरी एवं बंधुआ मज़दूरी इत्यादि भी होगी जिससे मनुष्य का भीशोषण होगा।यह सब कारक बताते हैं की ईवी का कोई विशेष भविष्य नही हैं।


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