नई
दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के निजीकरण का
केंद्र के पास कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस
संबंध में अफवाहों पर ध्यान न दें। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाली सिंगरेनी
कोलियरीज कंपनी लिमिटेड से संबंधित भूमिगत खदानों और ओनपकास्ट परियोजनाओं
के साथ काम करने वाले कोयला खनिकों ने प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के विरोध
में प्रदर्शन किया था।
प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के रामागुंडम में 6,338 करोड़ रुपये की लागत से तैयार फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही 9,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकासात्मक परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के रामागुंडम में 6,338 करोड़ रुपये की लागत से तैयार फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही 9,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकासात्मक परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
इस मौके पर एक जनसभा को संबोधित
करते हुए मोदी ने इशारों ही इशारों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस)
पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, “राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ लोग
जनता को भड़काने के लिए अफवाह फैलाते हैं। तेलंगाना में एससीसीएल और
विभिन्न कोयला खदानों के बारे में ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं और इसे
हैदराबाद से हवा दी जा रही है। अफवाह फैलाने वालों को ये पता नहीं है कि
झूठ पकड़ा जाएगा।”
मोदी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एससीसीएल में तेलंगाना सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। केंद्र के पास केवल 49 प्रतिशत है। ऐसे में स्पष्ट है कि केंद्र एससीसीएल के निजीकरण का फैसला नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि कोयला खदानों की नीलामी पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है। जहां से खनिज निकाले जाते हैं वहां की स्थानीय आबादी को लाभ पहुंचाने के लिए हमने डीएमएफ बनाया है।
मोदी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एससीसीएल में तेलंगाना सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। केंद्र के पास केवल 49 प्रतिशत है। ऐसे में स्पष्ट है कि केंद्र एससीसीएल के निजीकरण का फैसला नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि कोयला खदानों की नीलामी पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है। जहां से खनिज निकाले जाते हैं वहां की स्थानीय आबादी को लाभ पहुंचाने के लिए हमने डीएमएफ बनाया है।