जिनेवा : चीन में एक बार फिर कोरोना के मामलों हाहाकार मचा रखा है. हालात ये हैं कि मरीजों को न तो अस्पताल में बेड मिल रहा है और न ही शमशान में चिता जलाने के लिए जगह. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना से जुड़े आंकड़ों को लेकर चिंता जाहिर की है. इसके लिए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बुधवार को एक बार फिर चीन से कोरोना महामारी की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने के लिए संबंधित आंकड़ों को साझा करने को कहा है.
दरअसल, कोरोना का पहला मामला चीन के वुहान में मिला था. विशेषज्ञों ने वायरस की उत्पत्ति पर दो प्रमुख सिद्धांतों को सामने रखा है. पहला सिद्धांत यह है कि सार्स-कोव-2 एक प्राकृतिक जेनोटिक स्पिलओवर का परिणाम है. दूसरा सिद्धांत यह है कि वायरस ने एक शोध से संबंधित घटना के परिणामस्वरूप मनुष्यों को संक्रमित किया. सार्स-कोव-2 एक श्वसन रोगजनक के रूप में उभरा है, जो मानव से मानव में फैलता है.