लखनऊ : 1949 में संसद के अधिनियम के तहत भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान की स्थापना की गई और यह दुनिया में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और अखंडता का प्रतीक बन गया। आईसीएआई की सीआईआरसी की लखनऊ शाखा द्वारा आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन “अभ्यादानम” में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा व पूर्व विधायक सीए चंद्र प्रकाश शुक्ला और केंद्रीय परिषद के सदस्य सीए ज्ञान चंद मिश्रा ने दीप प्रज्जवलित कर विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर रीजनल कॉउंसिल ने डॉ दिनेश शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
डॉ दिनेश शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह कठिन परीक्षा होती है और लंबे प्रशिक्षण उपरांत आप सीए बन पाते है। आप सभी अंकेक्षण और लेखांकन से जुड़ा विशिष्ट कार्य कर रहे है। डॉ शर्मा ने वित्तीय अनुशासन और साक्षरता के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा। उन्होंने कहा कि आपने सम्मेलन में जिन विषयों को शामिल किया है वह वर्तमान में प्रासंगिक हैं और लोगों को इसकी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने निवेश से जुड़ा एक सुझाव देते हुए कहा कि लोग बहुत जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं, लेकिन मेरा व्यक्तिगत मानना है कि निवेश लंबे समय तक और धैर्य के साथ करना चाहिए।
इससे आपको वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने में आसानी होगी। वर्तमान में वित्तीय समावेशन बढ़ा है और बैंकिंग प्रणाली से जुड़ने से राशि सीधे हितग्राही के खाते में जा रही है। उन्होंने कहा कि आप सभी को वित्तीय साक्षरता और वित्तीय अनुशासन के पालन के लिए अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। साथ ही अपनी आय के अनुरूप हम सभी समय पर आयकर जमा करें। आप सभी जानते है कि शासन आपसे प्राप्त कर की राशि से ही देश में विकास कार्य करती है। संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि आप सभी कार्यक्षेत्र संबंधी ज्ञान से स्वयं को निरंतर अपडेट रखें, जिससे विश्व की मांगों के अनुरूप, आप कदम से कदम मिलाकर चल सकें। आप सब में इतनी योग्यता है कि आप अपने ज्ञान एवं कौशल से, बाजार की मांगों में होने वाले परिवर्तन एवं चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
लखनऊ शाखा के सभापति सीए आशीष कुमार पाठक ने बताया कि 3 साल बाद लखनऊ शाखा इस तरह के भव्य कार्यक्रम की मेजबानी कर रही है इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश भर से 1000 से अधिक चार्टर्ड एकाउंटेंट लखनऊ आए हैं। तकनीकी सत्र के पहले दिन प्रख्यात वक्ता डॉ (सीए) गिरीश आहूजा जी द्वारा दिया गया और इसके बाद सीए कमल गर्ग और एडवोकेट (सीए) जेके मित्तल ने दिया। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया।