नई दिल्ली : 60 वर्षों में पहली बार चीन की जनसंख्या घटी है. लगातार कुछ सालों से गिरावट के बाद इस सदी के अंत तक आधी आबादी का कम होना तय माना जा रहा है. इसके बाद अब चीन उस स्थिति में पहुंचेगा जिसे एक सरकारी अधिकारी ने "नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि का युग" कहा है, राष्ट्रीय जन्म दर प्रति 1,000 लोगों पर 6.77 जन्म के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है.
बता दें कि दुनियाभर में अकेले चीन सबसे अधिक आबादी वाला देश रहा है. ग्रेट लीप फॉरवर्ड राजनीतिक अभियान के कारण आए अकाल के वर्षों (1959-61) के अलावा, पिछले दशकों में चीन की आबादी तेजी से बढ़ी है. 1970 के दशक में चीन की तीव्र जनसंख्या वृद्धि धीमी होने लगी जब चीनी सरकार ने ‘जनसंख्या के अत्यधिक बढ़ने’ के डर के कारण परिवार नियोजन उपायों की शुरुआत की.
इस नीति से घटी जनसंख्या वृद्धि
सबसे दूरगामी उपाय 1980 में अपनाई गई एक-बच्चा नीति थी जिसने प्रत्येक घर को केवल एक बच्चे तक सीमित कर दिया (कुछ अपवादों के साथ). उस समय सरकार के तर्क के अनुसार, जनसंख्या वृद्धि को कम करने से जीवन स्तर को बढ़ाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी हो पूरा किया जा सकेगा.
तदनुसार चीन की जनसंख्या में वृद्धि की दर कई दशकों तक धीमी रही. अब, दशकों में पहली बार जनसंख्या कम होने लगी है. लेकिन क्या चीन की आबादी वास्तव में चरम पर है, और यह कमी कब और कितनी तेजी से होगी, यह स्पष्ट नहीं है और यह कुछ बहस का विषय है. 2022 से संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या संभावना में पहले अनुमान लगाया गया था कि चीन की जनसंख्या 2030 के आसपास घटने लगेगी.
60 सालों में पहली बार चीन की जनसंख्या में आई कमी, जाने क्या होगा इसका असर
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