हमारी परंपरा में कलाकार और कला एक साधना है, हमारी समृद्ध संस्कृति के संवाहक है :  द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सभ्यता द्वारा हमारी भौतिक उपलब्धियां सामने आती हैं, लेकिन संस्कृति द्वारा हमारी अमूर्त विरासत की धाराएं प्रवाहित होती हैं।


नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप और पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने अकादमी रत्न’ और ‘अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किए गए सभी कलाकारों और कलाविदों को बधाई देते हुए कहा कि हमारी परंपरा में कला एक साधना है, एक संजीवनी है, सत्य की खोज का माध्यम है।

उन्होंने कहा कि कला द्वारा उपासना, अर्चना और स्तुति की जाती है। लोक कल्याणकारी भावनाओं का प्रसार किया जाता है। जो सुंदर है उसकी प्रतिष्ठा की जाती है। प्रकृति का सम्मान किया जाता है। नई फसल का स्वागत किया जाता है। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सभ्यता द्वारा हमारी भौतिक उपलब्धियां सामने आती हैं, लेकिन संस्कृति द्वारा हमारी अमूर्त विरासत की धाराएं प्रवाहित होती हैं।

हमारी कलाएं और कलाकार, हमारी समृद्ध संस्कृति के संवाहक हैं। उन्होंने कहा कि संगीत-नाटक जैसी कला विधाएं भाषा तथा भौगौलिक सीमाओं से ऊपर होती हैं। भारत रत्न से सम्मानित एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी, पंडित रवि शंकर, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, लता मंगेशकर, पंडित भीमसेन जोशी और भूपेन हजारिका के संगीत की शक्ति किसी भाषा या भूगोल से बाधित नहीं होती थी।

उल्लेखनीय है कि 128 कलाकारों को साल 2019, 2020 और 2021 के लिए प्रतिष्ठित अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ 10 अकादमी फेलो के रूप में राष्ट्रीय संगीत, नृत्य और नाटक अकादमी परफॉर्मिंग आर्ट्स के क्षेत्र में प्रतिष्ठित हस्तियों का चुनाव करती है। 


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