यूपी के कई शहरों में सुबह से हो रही बार‍िश जानें - अपने जिले का हाल
फाइल फोटो


प्रदेश के कानपुर लखनऊ सह‍ित कई शहरों में सुबह से तेज बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बार‍िश जारी है। ऐसे में तापमान में भी करीब पांच से सात ड‍िग्री की ग‍िरावट दर्ज की गई है। अचानक मौसम में हुए बदलाव से क‍िसान परेशान हैं। ऐसे में मौसम व‍िभाग ने अगले दो से तीन द‍िनों के ल‍िए तेज आंधी तूफान के साथ बार‍िश का अलर्ट जारी क‍िया है।

मौसम व‍िभाग ने अगले दो से तीन द‍िन के ल‍िए जारी क‍िया अलर्ट-

मौसम में हो रहे बदलाव ने गुरुवार से असर दिखाना शुरू कर दिया। गुरुवार की सुबह से बादलों ने डेरा डाला तो शाम तक शहर के कई इलाकों में हल्की वर्षा हुई। ज‍िसका स‍िलस‍िला शुक्रवार सुबह भी जारी रहा। गुरुवार को अधिकतम तापमान भी सात डिग्री नीचे आ गया। 

आगामी दो-तीन दिनों में गरज-चमक के साथ हल्की बूंदाबांदी के आसार हैं। मौसम विज्ञानियों के अनुसार ओलावृष्टि भी संभव है। बुधवार का दिन जहां मार्च महीने का सबसे गर्म दिन रहा वहीं गुरुवार को तापमान फरवरी महीने वाला हो गया।

मौसम बदलने से तापमान में आई ग‍िरावट-

बुधवार के 34.4 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले गुरुवार को अधिकतम तापमान सात डिग्री घटकर 27.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। हालांकि रात में न्यूनतम तापमान एक दिन पहले जैसा ही बना रहा। गुरुवार की सुबह से ही मौसम में बदलाव के संकेत दिखने लगे। बादलों से घिरे आसमान में सुबह 10 बजे के बाद से ही गर्मी कम महसूस हुई। दोपहर बाद कई इलाकों में बूंदाबांदी हुई और ठंडक का अहसास कराने वाली हवा बहने लगी। शाम लगभग सात बजे शहर के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई जिससे सड़कें भी भीग गईं।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि कई दिशा से अलग-अलग हवा का मौसम बन रहा है। इससे गरज-तड़क के साथ हल्की बूंदाबांदी के आसार हैं। बिजली गिरने और ओलावृष्टि की भी संभावना बनी हुई है। 19 मार्च तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा।

मौसम के बदले मिजाज से आम व महुआ को लगेगा झटका-

आलू की खोदाई हो रही है। धनिया, अरहर, मसूर, चना, सरसों व गेहूं की फसल लगभग तैयार है। चैत्र माह के पहले सप्ताह में फसलों की कटाई शुरू हो जाती है लेकिन मौसम के बदले मिजाज ने किसानों की चिंता बाढ़ दी है। बादल छाए रहने के साथ ही धूलभरी आंधी चली। कई जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई। 

इसकी वजह से आम व महुआ की फसल प्रभावित हो सकती है। चैत्र माह किसानों के लिए सबसे व्यस्त महीना होता है। खेत में फसल तैयार हो जाती है। पेड़ और पौधे भी नई पत्तियों से भर जाते हैं। इनके मोहक फूल चारों ओर सुगंध का ऐसा वातावरण तैयार करते है कि मन प्रफुल्लित हो उठता है।


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