शुरू हो चुकी है विवेक रंजन अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी द्वारा तैयार की गई ZEE5 की नई ऑरिजिनल सीरीज़ – द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड की स्ट्रीमिंग
फाइल फोटो


राष्ट्रीय,  अगस्त, 2023: विभिन्न भाषाओं की कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाने वाले भारत के सबसे बड़े घरेलू OTT प्लेटफॉर्म, ZEE5 ने आज अपनी नई सीरीज़, ‘द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड’ के रिलीज़ की घोषणा की। गौरतलब है कि ब्लॉकबस्टर सफलता पाने वाली फ़िल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को समीक्षकों की भरपूर तारीफ मिली थी। इस कामयाबी के बाद, अब राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले फ़िल्म-निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री यह वादा करते हैं कि, फ़िल्म का सीक्वल कहीं अधिक आँखें खोलने वाला और रोंगटे खड़े कर देने वाला होगा। विवेक अग्निहोत्री और पल्लवी जोशी की आईएमबुद्धा एंटरटेनमेंट एंड मीडिया एलएलपी द्वारा प्रोड्यूस की गई 7 एपिसोड की इस सीरीज़ का प्रीमियर आज ही ZEE5 पर होगा।

असल ज़िंदगी की छोटी-छोटी कहानियों, जिंदा बचे लोगों द्वारा दिए गए बयानों और संभालकर रखे गए फ़ुटेज को एक-साथ मिलाकर 'द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड' को तैयार किया गया है। इसमें ऐतिहासिक, जातीय और भू-राजनीतिक कारणों से होने वाली उन सभी घटनाओं, गलतियों, अपराधों और हालातों को दिखाया गया है, जिनकी वजह से 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों का नरसंहार और बड़े पैमाने पर पलायन हुआ। इस फ़िल्म में उन हालातों को बखूबी दिखाया गया है जिसके कारण धारा 370 को रद्द किया गया, साथ ही यह भी दिखाया गया है कि मौजूदा कश्मीर पर इसका क्या असर हुआ है। 

इस सीरीज़ की कहानी को इतिहासकारों, जानकार लोगों, असल ज़िंदगी के पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत के माध्यम से दिखाया गया है। इसमें डॉ. मीनाक्षी जैन, जिन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके काम के लिए साल 2020 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है; राकेश के. कौल, जो 'द लास्ट क्वीन ऑफ कश्मीर' और 'डॉन: द वॉरियर प्रिंसेस ऑफ कश्मीर' जैसी बेस्टसेलर पुस्तकों के लेखक हैं; शेष पॉल वैद्य– जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक; मनोज रघुवंशी – पूर्व टीवी पत्रकार और जुलाई 1989 में कश्मीर में भड़क रहे आतंकवाद पर मुख्य खबर को लोगों के सामने लाने वाले पहले पत्रकार; डॉ. तेज टीकू– 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग ले चुके सेवानिवृत्त कर्नल और 'कश्मीर: इट्स एबोरिजिन्स एंड देयर एक्सोडस' के लेखक, तथा कई अन्य विशेषज्ञों के साथ की गई बातचीत को शामिल किया गया है। 

'द कश्मीर फाइल्स' 3 घंटे की एक ऐसी फ़िल्म थी जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, लेकिन इसमें उस भीषण घटना के बस एक छोटे से हिस्से को दिखाया गया था। यह सीरीज़ पहले से भी ज्यादा दिल दहलाने वाली, आँखें खोलने वाली और रोंगटे खड़े कर देने वाली है, क्योंकि इसमें कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन के बारे में पर्दे के पीछे की हक़ीक़त, तथ्यों और सच्चाई को पीड़ितों द्वारा ही उजागर किया गया है। इसमें धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर के सदियों पुराने सफर, भारत, यहाँ के लोगों तथा संस्कृति के लिए इसकी अहमियत और सभ्यता एवं ज्ञान के मिलन-स्थल के तौर पर कश्मीर के विकास से लेकर यहाँ बार-बार होने वाले हमले, कट्टरपंथी विचारों को फैलाने की कोशिश और आज के कश्मीर को जंग के मैदान में बदलने की सोची-समझी साजिश को काफी विस्तार से दिखाया गया है। 

इस मौके पर निर्देशक-निर्माता, विवेक अग्निहोत्री ने कहा, "कश्मीर में हुआ नरसंहार न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि इंसानियत के लिए एक बड़ा कलंक है। इसे आधुनिक दौर की सबसे दुखद घटना माना जाता है, जिसकी सच्चाई को लोगों से छिपाया गया। लिहाजा हमारे लिए यह बेहद ज़रूरी था कि हम इस कहानी को पूरी ईमानदारी से दर्शकों तक पहुँचाएँ। अब तक कश्मीर पर जितनी भी फिल्में बनी हैं, जो कुछ भी लिखा गया है और मीडिया में जो रिपोर्ट आई है, वह आज के दौर की बातों पर आधारित है।

 इस घटना के 32 साल बाद, जब हमने 4 सालों तक काफी गहराई से रिसर्च करके 'द कश्मीर फाइल्स' बनाई, तो इसने लोगों की आँखें खोल दीं। लेकिन फ़िल्म के बारे में लोगों की राय काफी अलग-अलग थी – कुछ लोगों को लगा कि इस फ़िल्म में केवल 10% सच्चाई दिखाई गई है, और कुछ लोगों की नजर में 'द कश्मीर फाइल्स' एक प्रोपेगेंडा फ़िल्म थी। इसलिए, हमारे लिए यह जरूरी था कि हम अपने सभी रिसर्च और इंटरव्यू को उसी रूप में दर्शकों के सामने पेश करें, ताकि लोग यह समझ सकें कि सच्चाई को संभाल पाना बेहद कठिन होता है। मैं गारंटी दे सकता हूँ कि, 'द कश्मीर फाइल्स अनरिपोर्टेड' आपके दिल को तार-तार कर देगी। परंतु मैं बस यही चाहता हूँ कि हम इतिहास से सबक लें, और आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने वाला रवैया अपनाएँ, साथ ही हम सभी एकजुट होकर इंसानियत और अपने लोगों का साथ दें।” निर्माता पल्लवी जोशी ने कहा, "हमने 4 सालों तक काफी गहराई से रिसर्च करने के बाद 'द कश्मीर फाइल्स' फ़िल्म बना


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