नई दिल्ली : रविवार सुबह भारत-नेपाल सीमा पर भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक नेपाल में भूकंप के ये झटके सुबह 7. 24 बजे महसूस किये गए. जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.1 मापी गई. वहीं भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 55 किमी (35 मील) पश्चिम में धाडिंग में जमीन के 14 किलोमीटर गहराई में था. फिलहाल भूकंप की वजह से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
दिल्ली-NCR तक लगे भूकंप के झटके
" यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप 13 किमी (8.1 मील) की गहराई पर था. ये झटके बागमती और गंडकी प्रांत के अन्य जिलों में भी महसूस किए गए, भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी में भी महसूस किये गये हैं.
बीते रविवार को दिल्ल-एनसीआर में लगे थे झटके
गौरतलब बीते सप्ताह भी दिल्ली-NCR में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. दिल्ली के साथ ही नोएडा और गाजियाबाद में भी धरती हिली थी. उधर, हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप आया था. इससे पहले 3 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे.
दिल्ली-NCR तक लगे भूकंप के झटके
" यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप 13 किमी (8.1 मील) की गहराई पर था. ये झटके बागमती और गंडकी प्रांत के अन्य जिलों में भी महसूस किए गए, भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी में भी महसूस किये गये हैं.
बीते रविवार को दिल्ल-एनसीआर में लगे थे झटके
गौरतलब बीते सप्ताह भी दिल्ली-NCR में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. दिल्ली के साथ ही नोएडा और गाजियाबाद में भी धरती हिली थी. उधर, हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप आया था. इससे पहले 3 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे.
क्यों आता है भूकंप
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है.
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है.