छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को नोटा को लेकर दिया ये बड़ा बयान
फाइल फोटो


छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को नोटा (NOTA) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मतदान के समय जो भी नागरिक किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के इच्छुक नहीं हैं उसके लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) पर दिए गए नोटा यानी 'इनमें में से कोई नहीं' के विकल्प को खत्म कर देना चाहिए।

नोटा में पड़ते हैं जीत-हार के अंतर से ज्यादा वोटः सीएम बघेल

रायपुर हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि कभी-कभी नोटा में जीत-हार के अंतर से ज्यादा वोट पड़ जाते हैं, जिसके कारण चुनाव परिणामों पर इसका असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि नोटा के विकल्प पर चुनाव आयोग को पुनर्विचार करना चाहिए।

चुनाव आयोग को लेना चाहिए संज्ञानः सीएम

मालूम हो कि साल 2018 के राज्य विधानसभा चुनावों में 2 लाख से अधिक मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था। वहीं, चुनावों पर इसके प्रभाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए। कई बार ऐसा देखा गया है कि दो उम्मीदवारों के बीच जीत और हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं। उन्होंने कहा कि कई मतदाता यह सोचकर नोटा का बटन दबाते हैं कि या तो उन्हें ऊपर या नीचे वाले पर बटन दबाना है। इसलिए इसके विकल्प को बंद किया जाना चाहिए।

2018 के चुनावों में नोटा को कितने मिले थे वोट

90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए मतदान 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में होगा। मालूम हो कि 2018 के विधानसभा चुनावों में राज्य में 76.88 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें कुल 1,85,88,520 मतदाताओं में से 1,42,90,497 ने मतदान किया, जिसमें से नोटा को 2,82,738 वोट मिले थे।


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