UN में पास हुआ गाजा युद्ध विराम का प्रस्ताव, भारत ने भी किया समर्थन, अमेरिका ने इजरायल को फिर चेताया
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नई दिल्ली: इजरायल-फिलिस्तीन जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने बड़ा कदम उठाया है और अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि भारत दोनों देशों के बीच शांति चाहता है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें इजरायल-हमास जंग में तत्काल मानवीय युद्धविराम के साथ-साथ सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई थी. बता दें कि हमास की ओर से इजरायल पर अटैक के बाद से ही गाजा में संघर्ष जारी है, जिसमें हजारों लोगों की मौतें हो चुकी हैं.

दरअसल, इजरायल-हमास जंग के बीच 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में एक आपात विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें गाजा में तत्काल युद्धविराम के लिए मिस्र की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव पारित हो गया. भारत समेत 153 देशों ने गाजा में युद्धविराम के पक्ष में मतदान किया. इस प्रस्ताव का 10 सदस्य देशों ने विरोध किया, जबकि 23 सदस्य अनुपस्थित रहे. 

प्रस्ताव में क्या मांग की गई
बता दें कि अल्जीरिया, बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव में गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई और मांग दोहराई गई कि सभी पक्ष अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें, विशेष रूप से नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में. प्रस्ताव में सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने की भी मांग की गई.

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकता का किया स्वागत
उन्होंने आगे कहा कि भारत मौजूदा वक्त में क्षेत्र के सामने मौजूद कई चुनौतियों के समाधान के लिए साझा प्रयास में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकता का स्वागत करता है. रुचिरा कंबोज ने कहा, ‘इस असाधारण कठिन समय में हमारी चुनौती, सही संतुलन बनाना है. 

बाइडन ने फिर इजरायल को चेताया
वहीं, इजरायल-हमास जंग के बीच अमेरिका ने चेताया है कि इजरायल अब इंटरनेशनल सपोर्ट खो रहा है. जो बाइडन ने कहा कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपनी कट्टरपंथी सरकार को बदलने की जरूरत है और अंततः इजरायल एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी स्टेट को ‘ना’ नहीं कह सकता, जैसा कि कुछ इजरायली कट्टरपंथी इसका विरोध करते हैं.

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