बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर भारत के साथ राजनयिक विवाद के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का चीन प्रेम अब खुलकर सामने आ गया है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की बीजिंग की पहली राजकीय यात्रा के दौरान चीन और मालदीव का नया गठजोड़ देखने को मिला. मोहम्मद मुइज्जू की इस यात्रा के दौरान मालदीव ने चीन संग अपने संबंधों को प्रगाढ़ किया. मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत को संप्रभुता के लिए खतरा बताया है. दरअसल, चीन की यात्रा पर गए मुइज्जू ने बुधवार को अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की. इसके बाद दोनों देशों ने पर्यटन सहयोग सहित 20 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए और अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की घोषणा की.
भारत संग मालदीव के तकरार को चीन ने मौके के रूप में लिया और मालदीव को पुराना दोस्त बताकर इसका फायदा उठाया. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में अपने संबोधन के दौरान मोहम्मद मुइज्जू को ‘एक पुराना दोस्त’ कहा, क्योंकि चीन ने व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी पर सहमति देकर हिंद महासागर द्वीपसमूह में आगे के निवेश के लिए मंच तैयार किया था.
चीन और मालदीव भविष्य में आगे बढ़ने का ऐतिहासिक अवसर
चीनी सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग ने मुइज्जू से कहा, ‘चीन और मालदीव के पास अतीत के संबंध को आगे बढ़ाने और भविष्य में आगे बढ़ने का ऐतिहासिक अवसर है.’ शी जिनपिंग ने इस बात पर बल दिया कि चीन राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल विकास राह तलाशने में मालदीव का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि चीन राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने में मालदीव का दृढ़तापूर्वक समर्थन करता है. दोनों राष्ट्रपतियों ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की भी घोषणा की.
मालदीव का सबसे बडा कर्जदार बना चीन
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, मालदीव पर चीन का 1.37 बिलियन डॉलर या उसके सार्वजनिक ऋण का लगभग 20% बकाया है, जिससे बीजिंग सऊदी अरब और भारत से आगे निकलकर उसका सबसे बड़ा द्विपक्षीय ऋणदाता बन गया है. मालदीव पर भारत का 124 मिलियन डॉलर और सऊदी का 123 मिलियन डॉलर का बकाया है. अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि 2014 में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में शामिल होने के फैसले के बाद से चीनी कंपनियों ने मालदीव में 1.37 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त निवेश किया है.
पर्यटकों के मामले में भारत है नंबर वन
मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पहले जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत 2023 में देश के लिए सबसे बड़ा पर्यटक बाजार बना हुआ है. पिछले साल मालदीव में सबसे अधिक 2,09,198 भारतीय पर्यटक पहुंचे थे, इसके बाद 2,09,146 रूसी पर्यटक और 1,87,118 चीनी पर्यटक पहुंचे थे.