नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुनाने वाले जज भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे या नहीं इसको लेकर संशय बरकरार है. तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली इस बेंच में शामिल चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसए बोबडे, अशोक भूषण और एस अब्दुल नज़ीर को 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राजकीय अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. हालांकि इनमें से केवल एक ही न्यायाधीश इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे.
इन कामों में बिज़ी रहेंगे जस्टिस गोगोई
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किए गए जस्टिस गोगोई अपने MPLAD फंड से निर्वाचन क्षेत्रों में की जा रही कल्याणकारी परियोजनाओं का जायजा लेने के अलावा, कई अनाथालयों, गैर सरकारी संगठनों की मदद करने और असम में अपनी मां द्वारा दशकों पहले शुरू किए गए विभिन्न धर्मार्थ कार्यों को सुव्यवस्थित करने में व्यस्त हैं.
CJI चंद्रचूड़ के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में वर्किंग डे होगा और उनके लोकाचार को देखते हुए वह किसी धार्मिक समारोह में भाग लेने के लिए अदालत का काम नहीं छोड़ेंगे. इसके अलावा जस्टिस बोबडे नागपुर में अपने पैतृक आवास में एक शांत रिटायर्ड जीवन गुजार रहे हैं और उन्होंने अभी तक मंदिर के अधिकारियों को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में अपनी भागीदारी के बारे में सूचित नहीं किया है.