दिल्ली कुछ को फिर आगे बढ़े किसान, रातभर बॉर्डर पर रहे डटे, इंटरनेट बैन बढ़ा
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चंडीगढ़ : किसान आंदोलन 2.0 का बुधवार को दूसरा दिन है. किसान हरियाणा के अलग-अलग बॉर्डर्स पर डटे हुए हैं. किसानों ने अंबाला के शंभु बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर और अन्य इलाकों रात काटी है. बॉर्डर पर ही किसानों ने रात का खाना पकाया और फिर ट्रैक्टर में रात काटी. बुधवार को फिर से किसान दिल्ली कूच करेंगे.

जानकारी के अनुसार, इससे पहले, मंगलवार को शम्भू बॉर्डर (अम्बाला) और दाता सिंह बॉर्डर (खनौरी-जींद) में जमकर बवाल हुआ. शम्भू बॉर्डर पर किसान और पुलिस ने मंगलवार को टकराव देखने को मिला. इस दौरान पुलिस ने सात घंटे तक रुक—ुक कर किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े. इस दौरान ड्रोन के जरिये भी टियर गैस दागी गई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी भी की. हालांकि, शाम ढलने के बाद किसानों ने दिल्ली कूच करने से विराम लिया, लेकिन पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़ने का सिलसिला चलता रहा.

किसानों ने लगातारा शम्भू बॉर्डर (अम्बाला) और दाता सिंह बॉर्डर (खनौरी- जींद) में धारा -144 लागू होने के बावजूद बैरिकेडिंग तोड़ दिए. हरियाणा पुलिस ने आधिकारिक जानकारी दी है कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान पथराव के दौरान 24 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई. इन पुलिसकर्मियों में 15 पुलिसकर्मी (डीएसपी और अन्य रैंक)शम्भू बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान घायल हुए, जबकि 9 पुलिसकर्मी दाता सिंह बॉर्डर जींद में घायल हुए. इन पुलिसकर्मियों का नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार किया जा रहा है. यहां पर लाठीचार्ज भी किया गया है. किसानों का कहना है कि 100 के करीब किसान भिड़ंत में घायल हुए हैं.

DSP समेत चार जवान और तीन रैपिड एक्शन फ़ोर्स के घायल जवानों को अंबाला शहर के सिविल अस्पताल में एडमिट किया गया है. 6 कर्मचारियों की हालत ठीक है. लेकिन डीएसपी सिर पर ज्यादा चोट लगी है. अंबाला नागरिक अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर संगीता ने बताया कि कुल 7 लोग आए है. उन्होंने बताया कि पत्थर लगने से ये लोग घायल हुए हैं. अस्पताल में पूरी तैयारियां है.

हरियाण सरकार ने अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में अब 15 फरवरी तक मोबाइल इंटरनेट सर्विस बंद कर दी हैं.

लोगों से पुलिस ने की अपील
हरियाणा पुलिस के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है. विभिन्न जिलों में धारा- 144 लगाई गई है जिनकी उल्लंघना करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने कहा कि लोग शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती. उन्होंने बताया कि प्रदेश में शांति व्यवस्था भंग करने वालों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है इसलिए लोग किसी भी गैर कानूनी संगठन का हिस्सा ना बने. इसके अलावा, लोग सोशल मीडिया आदि पर भी भड़काऊ पोस्ट न डालें. सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल द्वारा इस प्रकार की पोस्ट पर नजर रखी जा रही है और भड़काऊ तथा भ्रामक पोस्ट डालने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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