नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों की चमकती रोशनी और मीडिया की हलचल के बीच कई बार ऐसे पहलू छिपे रहते हैं, जिनके बारे में आम लोग कल्पना भी नहीं कर पाते. साल 2025 के अलास्का समिट में ऐसा ही एक अनोखा पहलू सामने आया, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के दौरान एक रहस्यमयी सूटकेस चर्चा का विषय बना. वैसे आपको बता दें कि ये सूटकेस व्लादिमीर पुतिन के एक बॉडीगार्ड ने लिया हुआ है, जिसके पीछे एक खास वजह है.
यह कोई सामान्य ब्रीफकेस नहीं था, इसमें न दस्तावेज थे, न हाई-टेक हथियार. दरअसल यह सूटकेस पुतिन के सबसे निजी जैविक अपशिष्ट को सुरक्षित रखने के लिए मौजूद था. एक्सप्रेस यूएस की रिपोर्ट बताती है कि पुतिन की विदेश यात्राओं में यह सूटकेस वर्षों से उनकी सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा है. रूस की Federal Protective Service (FSO) उनकी यात्रा के दौरान उनके मल और मूत्र को विशेष कंटेनरों में इकट्ठा कर तुरंत मॉस्को भेज देती है.
क्यों साथ चलता है पुतिन का पूपकेस?
ये बात सुनने में अजीब लग सकती है लेकिन इसका उद्देश्य काफी तार्किक है. दरअसल किसी भी विदेशी खुफिया एजेंसी को पुतिन के जैविक नमूनों तक पहुंच न मिले, जिससे उनके स्वास्थ्य या शरीर विज्ञान से जुड़ी गोपनीय जानकारियां उजागर न हो सकें. इसलिए उनका ये पूपकेस साथ रहता है क्योंकि रूस इसे सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला मानता है. इससे पहले फ्रांस की पत्रिका पेरिस मैच और कई पश्चिमी मीडिया संस्थान पुतिन की विदेशी यात्राओं के दौरान इस सीक्रेट किट के चलने की पुष्टि कर चुके हैं. साल 2017 में फ्रांस और 2019 में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी.
इस सवाल का जवाब है – हां बिल्कुल क्योंकि यह सूटकेस हमेशा पुतिन के सबसे भरोसेमंद सुरक्षा अधिकारियों के पास रहता है. ये उनकी पर्सनल सिक्योरिटी बबल का स्थायी हिस्सा बन चुका है और हर कहीं उनकी टीम साथ लेकर चलती है. पूर्व अमेरिकी खुफिया विश्लेषक रेबेका कॉफलर का मानना है कि ऐसा एहतियात असामान्य नहीं है. उनके मुताबिक किसी भी नेता के जैविक अपशिष्ट से उसकी स्वास्थ्य स्थिति, जेनेटिक प्रोफाइलिंग या संभावित बीमारियों के संकेत मिल सकते हैं. ये काफी संवेदनशील जानकारी होती है और ऐसी जानकारियां किसी देश की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती हैं. ये मामला तब ज्यादा सेंसिटिव हो जाता है जब बात रूस के राष्ट्रपति की हो.
क्यों पुतिन की सुरक्षा है इतनी खास?
दरअसल पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों ने दावा किया कि पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर संदेह बने हुए हैं. कुछ रिपोर्ट्स में पार्किंसंस जैसे लक्षणों का उल्लेख किया गया, जबकि 2023 और 2024 की कई सार्वजनिक घटनाओं में उनके शारीरिक हावभाव पर पश्चिमी मीडिया ने सवाल उठाए. हालांकि क्रेमलिन लगातार इन तमाम अटकलों को आधारहीन बताता है और पुतिन सार्वजनिक जीवन के साथ-साथ विदेशी दौरों पर भी स्वस्थ और मजबूत नजर आते हैं.
अलास्का समिट के दौरान यह सूटकेस एक बार फिर चर्चा में आ गया था. ये सिक्योरिटी लेयर दिखाती है कि दुनिया के शीर्ष नेताओं की सुरक्षा सिर्फ बंदूकें, कारों और एजेंटों तक सीमित नहीं है बल्कि गोपनीयता का दायता बड़ा विचित्र है. रूस अपनी सीक्रेट सर्विस और सिक्योरिटी के लिए मशहूर है और पुतिन की निजी सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को अलग-अलग नहीं देखा जाता.




