अनहेल्दी लाइफस्टाइल, ईटिंग हैबिट्स, स्लीप पैटर्न, बहुत ज्यादा स्ट्रेस जैसे कई कारणों से फर्टिलिटी प्रभावित होती है। इसके अलावा कई तरह की बीमारियां भी पेरेंट्स बनने के सपना पूरा करने से रोकती हैं। इसे लेकर हमने नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, गुड़गांव की फर्टिलिटी एक्सपर्ट, डॉ. रश्मि अग्रवाल से बात की, जिन्होंने कई जरूरी बातें बताई। साथ ही कुछ सुझाव भी दिए, जिन्हें फॉलो कर पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर सकते हैं।
फोन से दूरी
हाल के एक अध्ययन में पाया गया कि पैंट की पॉकेट में रखे मोबाइल के वाई-फाई सिग्नल से भी स्पर्म की गतिशीलता और क्वॉलिटी पर प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही स्मार्टफोन की नीली रोशनी शरीर के स्वाभाविक रूप से मेलाटोनिन बनाने की क्षमता में बाधा पहुंचाती है। मेलाटोनिन, स्पर्म को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाता है, जो स्पर्म प्रोडक्शन कम होने की एक बड़ी वजह है। ऐसे में मोबाइल को पैंट की पॉकेट में रखना अवॉयड करें।
साफ-सफाई का रखें ख्याल
बीमारियों और इन्फेक्शन से बचाव के लिए साफ-सफाई पर खासतौर से ध्यान देना चाहिए, जैसे बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथों को धोना, गुप्तांगों के आस-पास सफाई रखना और ब्रीदेबल फैब्रिक के अंडरगार्मेंट्स और बॉटम्स पहनना।
बैलेंस डाइट
जंक और प्रोसेस्ड फूड सेहत के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं होते। मोटापा, डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों के साथ ये प्रजनन स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अंडे, बेरीज, अखरोट और ज्यादा से ज्यादा फल व सब्जियां को अपनी डाइट में शामिल करें। इनमें प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे न्यूट्रिशन मौजूद होते हैं, जो बॉडी को फिट रखने के साथ ही प्रजनन क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
हल्का-फुलका व्यायाम
थोड़ी देर की एक्सरसाइज आपको ओवरऑल फिट रखने का काम करती है। अगर आप बहुत बिजी रहते हैं, तो ज्यादा नहीं बस 30 मिनट का ब्रिस्क वॉक ही काफी है कई सारी बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए और साथ ही फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए भी। साथ ही यह भी ध्यान दें बहुत ज्यादा व्यायाम और मसल बनाने वाले वर्कआउट स्पर्म की गुणवत्ता कम भी कर सकते हैं।
नशा करने से बचें
बहुत ज्यादा धूम्रपान और शराब का सेवन, स्पर्म की क्वॉलिटी कम कर सकता है और बांझपन के खतरे को बढ़ा सकता है। रोजाना शराब पीने से टेस्टेस्टेरॉन का लेवल कम हो सकता है, जिससे स्पर्म के बनने में कमी आ सकती है। वहीं, दूसरी तरफ धूम्रपान करने से स्पर्म की गतिशीलता भी कम होती है।