हार्ट ब्लॉकेज, जिसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज भी कहते हैं, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें आर्टरीज में प्लेग जम जाती है। यह आर्टरीज को संकरा कर देती है और ब्लड फ्लो को बाधित करती है।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण दिल तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व ठीक से नहीं पहुंच पाते हैं। इससे दिल को नुकसान पहुंच सकता है। समय रहते पहचान और इलाज न मिलने पर यह हार्ट अटैक या अन्य गंभीर कॉम्प्लीकेशन्स पैदा कर सकता है। इसलिए इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। आइए जानते हैं हार्ट ब्लॉकेज के कुछ लक्षणों के बारे में।
हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण कैसे होते हैं?
छाती में दर्द- यह दर्द दबाव, जलन या शार्प हो सकता है। यह फिजिकल एक्टिविटी, तनाव या खाना खाने के बाद ज्यादा गंभीर हो सकता है।
सांस फूलना- हल्की फिजिकल एक्टिविटी करने पर भी सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ होना महसूस हो सकता है।
थकान- आराम करने के बाद भी लगातार थकान महसूस होना।
चक्कर आना- खड़े होने पर या अचानक मूव करने पर चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना।
पैरों में दर्द- पैरों में दर्द होना, खासकर चलते समय।
पसीना आना- बिना किसी कारण के ज्यादा पसीना आना।
अपच- बार-बार अपच या सीने में जलन महसूस होना।
हार्ट ब्लॉकेज के कारण क्या हैं
हार्ट ब्लॉकेज के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-
हाई ब्लड प्रेशर- हाई ब्लड प्रेशर आर्टरीज को नुकसान पहुंचा सकता है और आर्टरी ब्लॉकेज का रिस्क बढ़ जाता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल- हाई कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज में प्लेग जमा होने का अहम कारण है।
स्मोकिंग- स्मोकिंग आर्टरीज को संकरा कर देता है और प्लेग के निर्माण को बढ़ावा देता है।
डायबिटीज- डायबिटीज ब्लड में शुगर के लेवल को बढ़ा देता है, जो आर्टरीज को डैमेज कर सकता है।
परिवारिक इतिहास- अगर आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी है, तो आपको भी इसका खतरा ज्यादा होता है।
मोटापा- मोटापा हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसे अन्य रिस्क फैक्टर से जुड़ा हुआ है।
हार्ट ब्लॉकेज से बचने के लिए क्या करें?
इससे बचाव के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में सुधार करना जरूरी है।
लाइफस्टाइल में बदलाव- हेल्दी डाइट लेना, नियमित एक्सरसाइज करना, स्मोकिंग न करना और हेल्दी वजन बनाए रखना हार्ट ब्लॉकेज को रोकने (Cardiac Health Care Tips) और मैनेज करने में मदद कर सकता है।
दवाएं- डॉक्टर ब्लड प्रेशर कम करने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और खून के थक्के बनने को रोकने के लिए दवाएं लिख सकते हैं।
सर्जरी- गंभीर मामलों में, डॉक्टर ब्लॉक हुई आर्टरीज को खोलने या बाईपास सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं।