नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कारोबारी गौतम अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले पर शेयर बाजार के कामकाज में बेहतरी के लिए कमेटी बनाने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान सेबी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तावित जांच समिति के दायरे और अधिकार क्षेत्र का मसौदा कोर्ट को सौंपा।
हम निवेशकों के हितों की रक्षा करने और उस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बरतने के लिए सरकार द्वारा सुझाए गए किसी नाम को कमेटी में नहीं रखेंगे। तब मेहता ने कहा कि कोई पूर्व जज को समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है। ताकि जांच शीघ्र पूरी हो। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि आप ने खुद ही कहा है कि बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि नुकसान शून्य प्रतिशत है, लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
कोर्ट ने कहा कि हम इसमें ज्यादा पारदर्शिता चाहते हैं। लिहाजा सील कवर लिफाफे में आपकी सलाह स्वीकार करना संभव नहीं है। सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि हमारी याचिका में मांग है कि गलत तरीके से शेयरों के दाम बढाने की जांच एसआईटी से कराई जाए और बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच हो। तब चीफ जस्टिस ने भूषण से कहा कि आपने पहले तो पहले से तय कर लिया कि वो अपराधी हैं।