रैली निकालने का परमीशन न मिलने से कार्यकर्ताओं में छायी मायूसी
सिद्धार्थनगर समाचार


सिद्धार्थनगर। आगामी नगर पंचायत चुनाव में डुमरियागंज नगर पंचायत की अध्यक्ष पद की भावी प्रत्याशी ललिता दूबे पत्नी आचार्य राकेश शास्त्री को रैली निकालने का परमीशन न मिलने से कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गयी है। नगर पंचायत डुमरियागंज निवासी ललिता दूबे अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार हैं। ललिता दूबे के पति आचार्य राकेश शास्त्री वरिष्ठ समाजसेवी व कथा वाचक हैं। ललिता दूबे ने विगत 4-5 दिनों पूर्व रैली निकालने के लिए उपजिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया था। लेकिन ललिता दूबे को उपजिलाधिकारी डुमरियागंज ने रैली निकालने का परमीशन नहीं दिया। 

ललिता दूबे को रैली निकालने का परमीशन न मिलने से कार्यकर्ताओं में बेहद मायूसी छाई हुई है। ललिता दूबे को परमीशन नहीं मिलने से कार्यकर्ताओं में भोला सोनी, गंगा पेंटर, अजय कुमार, दीपक पांडेय, अंकित, विजय, रमेश, राधेश्याम, कमलेश, श्याम यादव, सहित दर्जनों लोगों ने पुनः परमीशन के लिए बैठक का आयोजन किया। इस संबंध में उपजिलाधिकारी डुमरियागंज कुणाल सिंह ने बताया कि रैली का समापन कहां पर होगा। प्रार्थना पत्र में यह नहीं लिखा हुआ था। इसलिए रैली निकालने का परमीशन नहीं दिया गया है।

सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन पर बाल संरक्षण व मानव तस्करी रोकने के लिए कार्यशाला का हुआ आयोजन 
सिद्धार्थनगर  । रेलवे स्टेशन पर आज बाल संरक्षण व मानव तस्करी रोकने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन रेलवे व प्लान इंडिया द्वारा किया गया।इस कार्यशाला की अध्यक्षता स्टेशन अधीक्षक डी के उपाध्याय के द्वारा की गई। इस दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से मानव तस्करी व बाल शोषण के विषय पर लघु फिल्म दिखाई गयी।मूवी के बाद में उपस्थित सदस्यों सें स्टेशन पर होने वाले सभी तरह के शोषण के बारे में बात किया गया। प्लान इंडिया के समन्वयक प्रसून शुक्ला ने रेलवे बोर्ड व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा रेलवे के संपर्क में बच्चों की देखभाल और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिये रेलवे की यह मानक परिचालन प्रक्रिया के बारे में सभी को बताया । स्टेशन परिसर में बच्चो को सुरक्षा प्रदान करना बाल सहायता समूह की जिम्मेदारी है। इस प्रयास के तहत रेलवे के संपर्क में आने वाले यात्रियों के रूप में बच्चे, तस्करी कर लाए गए बच्चे तथा अपने परिवार से जुदा हुए बच्चों को संरक्षण के लिये बेहतर सुविधा प्रदान की जाये ।इसके साथ रेलवे बोर्ड द्वारा जारी मानव तस्करी रोकने जारी सुरक्षा प्रपत्र पर भी चर्चा करके इन मुद्दों को हल करने के लिए यह सुनिश्चित किया गया कि सभी हितधारकों, यात्रियों, विक्रेताओं, कुलियों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है। चाइल्डलाइन के समन्वयक ने साझा किया कि बच्चो को संरक्षण प्रदान करने के लिए निरंतर संचार होता रहना चाहिए। बाल कल्याण समिति के द्वारा बताया गया कि बाल तस्करी रोकने के लिए समुदाय के साथ भी समन्वय की जरुरत है, इसके साथ किशोर न्याय अधिनियम 2015 का पालन भी करे। आरपीएक एएचटीयू प्रभारी ने मानव तस्करी रोकने के लिए निरंतर जागरूकता की आवश्यकता है। इसके बाद एक कार्ययोजना भी बनाई गयी , जिसके तहत स्टेशन पर बाल सहायता समूह का गठन, हेल्पलाइन नम्बर के लिए एनाउंसमेंट , पोस्टर जागरूकता व ट्रेन चेकिंग गतिविधिया की योजना बनाई गयी। इस कार्यशाला में स्टेशन अधीक्षक डी के उपाध्याय, सशत्र सीमा बल 43 बटालियन से उपनिरीक्षक देशराज, बाल कल्याण समिति सदस्य बीरेंद्र मिश्रा, बाल संरक्षण अधिकारी विवेक मालवीय, आरपीएफ एएचटीयू प्रभारी सोनू कुमार, जीआरपी उपनिरीक्षक सिद्धार्थनगर आजम अंसारी , रेलवे के अन्य अधिकारी व प्लान इंडिया से प्रसून कुमार, हरिकेश दुबे व रूपा उमर उपस्थित रहे ।


अधिक राज्य/उत्तर प्रदेश की खबरें